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आकस्मिक अध्यन-सह-यात्रा अनुदान

1. किसी भारतीय अथवा विदेशी नागरिक द्वारा भारत में इतिहास से संबंधित शोधकार्य करने की इच्छा व्यक्त करने पर उसकी सहायता हेतु भा.इ.अ.प. द्वारा आकस्मिक (यात्रा-सह-अध्ययन) अनुदान प्रदान किया जाता है।

2. खंड 1 के अंतर्गत अनुदान प्राप्त करने हेतु निम्नलिखित योग्यता अनिवार्य है-

(क) वे शोधार्थी जो इतिहास से संबंधित M.Phil,Ph.D,पोस्ट डॉक्टोरल कार्य अथवा इतिहास विषय से संबंधित स्वतंत्र शोधकार्य में कार्यरत हों तथा उस प्रस्तावित शोधकार्य हेतु किसी अन्य स्त्रोत से यात्रा अथवा आकस्मिक अनुदान न प्राप्त कर रहे हों।

(ख) इतिहास विषय से संबंधित शोध में कार्यरत विश्वविद्यालय अथवा कॉलेज के अध्यापकगण एवं शोध संस्थाओं के कर्मचारी सदस्य तथा अन्य ।

बशर्ते:-

(क) अनुदान प्राप्त करने के योग्य होने हेतु M.Phil,Ph.D विद्यार्थियों का उनके विश्वविद्यालय के साथ कम से कम 6 माह पूर्व पंजीकरण होना अनिवार्य है यद्यपि वे अनुदान हेतु पूर्व में भी आवेदन कर सकते हैं; तथा;

(ख) प्रवासी भारतीय तथा विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ शोध अथवा किसी अन्य कार्य हेतु संबद्ध भारतीय अनुदान प्राप्त करने के योग्य नहीं माने जाएँगे।

3. (क) खंड 1 के अंतर्गत वर्णित अनुदान के अनुसार, आकस्मिक (यात्रा-सह-अध्ययन) अनुदान समिति द्वारा M.Phil के विद्यार्थियों को अधिकतम रु 40,000/-(रु चालीस हजार मात्र) तथा Ph.D विद्यार्थियों को अधिकतम रु 50,000/-(रु पचास हजार मात्र) की राशि तक प्रदान की जा सकती है परन्तु उक्त राशि से अधिक राशि का अनुदान किसी विशेषज्ञ की सलाह अथवा आकस्मिक (यात्रा-सह-अध्ययन) अनुदान समिति द्वारा की गई अनुशंसा के आधार पर केवल शोध परियोजना समिति ही प्रदान कर सकती है ।

(ख) उपखंड (क) के अंतर्गत अध्ययन अनुदान समिति विशेषज्ञ की सहमति प्राप्त किए बगैर भी किसी आवेदन अथवा प्रस्ताव के संबंध में विचार विमर्श कर सकती है।

(ग) अध्ययन अनुदान समिति के समस्त निर्णय RPC के समक्ष प्रस्तुत किए जाएँगे।

(घ) आकस्मिक (यात्रा-सह-अध्ययन) अनुदान प्राप्त करने के इच्छुक समस्त आवेदकों को भ्रमण-संबंधी विस्तृत ब्यौरे का विवरण प्रस्तुत करना होगा। अनुदान हेतु आवेदन पत्र में उन्हें स्पष्ट रूप से लेखागार/पुस्तकालय आदि का नाम एवं स्थान, भ्रमण की अवधि आदि दर्ज करना होगा।

4. खंड 3 के अंतर्गत प्रदान किए जाने वाले समस्त अनुदान किसी संबद्ध संस्थान के माध्यम से ही हस्तांतरित किए जाएंगे जिसके लिए ICHR द्वारा अंतिम रिपोर्ट एवं उपयोगिता प्रमाणपत्र की प्राप्ति होने के उपरान्त उपरिखर्च का वहन किया जाएगा।

5. खंड 3 के अंतर्गत प्रदान किए जाने वाले अनुदान के व्यय के संबंध में निम्नलिखित सीमा निर्धारित की गई है।

 (क) यात्रा खर्च -

i. शोधार्थी को शोधस्थल पर जाने एवं वापसी हेतु रेल/बस/स्टीमर के प्रथम श्रेणी /द्वितीय श्रेणी का किराया भाड़ा प्रदान किया जाएगा।

ii. अनुदान प्राप्तकर्ता के उस संस्थान में ही कार्यरत होने की अवस्था में, संबद्ध संस्थान द्वारा स्वीकृत दर के अनुसार शोधार्थी को अधिकतम 90 दिनों के लिए दैनिक भत्ता प्रदान किया जाएगा परन्तु कार्यरत न होने की स्थिति में रु 300/-(रु तीन सौ मात्र) प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया जाएगा।

iii. स्थानीय यात्रा वहन हेतु अधिकतम रु 1000/-(रु एक हजार मात्र) प्रतिमाह के हिसाब से 3 माह तक भुगतान किया जाएगा। (यह राशि संस्वीकृत अनुदान का अधिकतम 30 प्रतिशत से 40 प्रतिशत भाग तक हो सकती है। )

(क).स्टेशनरी, टाइपिंग, फोटोकॉपी एवं अन्य विविध व्यय।(यह राशि संस्वीकृत अनुदान का अधिकतम 50 से 60 प्रतिशत भाग तक हो सकती है।)

(ख) आकस्मिक अनुदान के प्रयोग से खरीदी गई कुल पुस्तकों का मूल्य। (यह राशि संस्वीकृत अनुदान के अधिकतम 20 प्रतिशत भाग तक हो सकती है। )

नोट:- आकस्मिक अनुदान हेतु निर्दिष्ट अधिकतम सीमा से अधिक राशि  की पुस्तक खरीदने  की स्थिति में शोधार्थी को आकस्मिक (यात्रा-सह-अध्ययन) अनुदान की अवधि समाप्त होने के उपरान्त वह पुस्तक ICHR अथवा संबद्ध संस्थान में जमा करानी होगी।

6. खंड 3 के प्रावधानों के अनुरूप प्रदान किए गए आकस्मिक अनुदान को जारी करने के क्रम में निम्नलिखित प्रक्रियाओं का पालन किया जाना चाहिए ।

(क) अनुदान संबंधी आवेदन पत्र के स्वीकृत किए जाने की सूचना प्राप्त होने के उपरान्त अभ्यर्थी द्वारा परिषद को अपनी स्वीकृति प्रेषित करनी होगी जिसके पश्चात संबद्ध संस्थान के माध्यम से अनुदान का 90 प्रतिशत भाग शोधार्थी को जारी कर दिया जाएगा।

(ख) अंतिम किश्त, जो संस्वीकृत अनुदान का 10 प्रतिशत भाग है, रोके रखी जाएगी एवं अनुदान के संबंध में संतोषजनक उपयोगिता प्रमाणपत्र एवं कार्य की संतोषजनक प्रगति प्रमाणपत्र के प्राप्त होने के उपरान्त प्रतिपूर्ति के आधार पर जारी की जाएगी। साथ ही थीसिस, शोध निबंध अथवा विनिबंध की एक प्रति ICHR को प्रदान किए जाने के संबंध में हुए व्यय के वहन के रूप में शोधार्थी को संस्वीकृत अनुदान के अतिरिक्त रु 500/-(रु पांच सौ मात्र) का भुगतान भी किया जाएगा।

 

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